The Verger summary in Hindi -Brief
यह कहानी है एक Verger की जोकि St Peter’s Church (संत पीटर चर्च ) में काम करता था | उसका नाम अल्बर्ट एडवर्ड फोरमैन था| वह पढ़ना लिखना नहीं जानता था पर काम पूरे दिल से करता था| पुराने Vicar की मौत के बाद नया Vicar ने उसकी जगह ली, नया Vicar चाहता था कि चर्च में काम करने वाला पढ़ा लिखा हो |
एक दिन नए Vicar को जब पता चला कि Verger पढ़ना लिखना नहीं जानता है तो उसने उसे कुछ समय की मोहलत दी ताकि वह पढ़ना लिखना सीख ले लेकिन Verger ने पढ़ने लिखने से मना कर दिया कहा कि वह अब पढ़ने लिखने की अवस्था में नहीं है|
यह कह कर उसने अपने काम से इस्तीफा दे दिया चर्च से निकालने के बाद उसने एक काम शुरू किया जिसमे उसे सफलता मिली और वह एक अमीर आदमी बन गया तो चलिए जानते हैं Verger की पूरी कहानी विस्तार से कि उसने कौन सा काम शुरू किया और कैसे उसने अपने नुकसान को फायदे में बदल दिया|
The Verger summary in Hindi -Detailed Explanation
अल्बर्ट एडवर्ड फोरमैन (Albert Edward Foreman) को चर्च में काम करते हुए 16 वर्ष हो चुके थे| उस दिन दोपहर में नामकरण समारोह (christening) था | Verger ने अपना दूसरा सबसे बेहतरीन गाउन पहना था |उसे अपने गाउन (gown) पर बहुत गर्व था पुराने गाउन को बहुत संभाल के रखा था| क्रिसमस के बाद वह चर्च की सफाई में लग गया|
चर्च में एक नए Vicar की नियुक्ति हुई थी| वह 40 वर्ष का था Verger उसे पसंद नहीं करता था वह अपने पुराने Vicar को याद करता रहता था| क्योंकि नया Vicar हर चीज को अपने कंट्रोल में रखना चाहता था| नए Vicar की एक खूबी थी जब वह किसी रोते हुए बच्चे को अपनी गोद में लेता तो वह बच्चा चुप हो जाता था| नये Vicar ने Verger को Vestry (गिरजाघर) मैं मिलने के लिए कहा, क्योंकि उसे कुछ बात करनी थी, जब Verger Vestry (गिरजाघर) में पहुंचा तो वहां पहले से मौजूद दो चर्चवार्डेंस को देखकर हैरान रह गया और सोचने लगा कि, ये यहां क्या कर रहे हैं|
दोनों चर्च वार्डन( churchwardens)बूढ़े व्यक्ति थे और चर्च में पिछले 9 वर्षो से काम कर रहे थे | Vicar दोनों चर्च वार्डन के बीच में रखे कुर्सी पर जाकर बैठ गया | Verger सोचने लगा कि आखिर बात क्या है | और थोड़ा अजीब महसूस करने लगा Vicar के चेहरे पर कोई भाव नहीं था पर चर्च वार्डन काफी गंभीर प्रतीत हो रहे थे | Verger सोचने लगा कि शायद उसने ऐसा कुछ किया जो कि इन्हें पसंद नहीं आया है | Verger ने सेंट पीटर्स चर्च में काम करने से पहले भी बहुत से काम किए और उन कामों में उसपर पर कभी कोई आरोप नहीं लगा इसलिए Verger उनके सामने निडर बन कर खड़ा रहा|
अब Vicar ने Verger से कहा कि वह उनके काम से खुश है | पर उसे यह बात जानकर बड़ी हैरानी हुई कि Verger पढ़ लिख नहीं सकता | इस बात पर Verger ने कहा कि पुराने Vicar को इस बात का पता था और उन्हें इससे कोई एतराज नहीं था | नया Vicar ने कहा कि तुम 16 वर्षों से बिना पढ़े लिखे काम कर रहे हो, मैं नहीं चाहता कि इस चर्च में का Verger अनपढ़ हो | इसलिए मैं तुम्हें 3 महीने का समय देता हूं पढ़ने लिखने के लिए | Vicar ने कहा कि अगर तुम इस 3 महीने में पढ़ना-लिखना सीख लेते हो, तो तुम इस चर्च में काम कर सकते हो अन्यथा तुम्हें इस्तीफा देना पड़ेगा |
Verger ने इस्तीफा दे दिया क्योंकि वह पढ़ने-लिखने की अवस्था में नहीं था वह काफी बूढ़ा हो चुका था | Verger बहुत दुखी था | वह अपने ही विचारों में खोया हुआ था वह घर जाने वाले रास्ते पर जाने के बजाए दूसरे किसी रास्ते पर चलने लगा | उसे समय नहीं समझ नहीं आ रहा था कि वह अब जिंदगी में क्या करेगा Verger के पद पर काम करते हुए उसने कुछ पैसे जमा किये थे,जो कि उसके बाकी जीवन के लिए काफी नहीं थे
|Verger को सिगरेट पीने की इच्छा हुई | उसने अपने आसपास देखा पर उसे तंबाकू बेचने वाली कोई दुकान नजर नहीं आई | वह काफी दूर चलकर गया पर उसे कोई दुकान नजर नहीं आई ,उसने सोचा कि इतने बड़े इलाके में एक भी तंबाकू का दुकान नहीं है ,मेरे जैसे कितने लोग यहां आते होंगे तंबाकू के लिए |वह अपने घर गया और चाय पिया उसकी पत्नी ने कहा कि वह इतना शांत क्यों बैठा है | उसने कहा कि वह कुछ सोच रहा है अगले दिन वह उस जगह पर फिर गया और वहा एक दुकान किराए पर ले लिया और तंबाकू बेचने लगा|
उसकी दुकान काफी अच्छी चलने लगी उसने ऐसी जगहों की खोज करना शुरू कर दिया जहां एक भी तंबाकू की दुकान नहीं थी और वह नई दुकानें खोलने लगा नई दुकानों के लिए वह एक मैनेजर नियुक्त किया जो उस दुकान को चलाते थे| इस तरह उसने कुछ सालों में कुल 10 दुकानें खोली वह बहुत पैसे कमाने लगा था|
एक दिन जब वह पैसे जमा करने बैंक गया तो बैंक मैनेजर ने उसे बुलाया और कहा कि उसे (shares & securitiesमें ) में निवेश करनी चाहिए |अल्बर्ट एडवर्ड (Verger) कोई खतरा नहीं उठाना चाहता है |अल्बर्ट एडवर्ड को Shares & Securities के बारे में कुछ भी पता नहीं था | बैंक मैनेजर ने कहा कि अल्बर्ट के बदले इन्वेस्टमेंट्स वह करेगा अल्बर्ट को सिर्फ कागजों पर हस्ताक्षर करने होंगे| और पैसे देने होंगे| अल्बर्ट ने कहा कि उसे कैसे पता चलेगा कि वह किन कागजों पर हस्ताक्षर कर रहा है| बैंक मैनेजर ने उसे कहा कि पहले वह कागजों को पढ़ ले उसके बाद हस्ताक्षर करें तब उसने कहा कि वह पढ़ा लिखा नहीं है वह सिर्फ अपना नाम लिख सकता और कुछ पढ़ नहीं सकता इस बात को सुनकर बैंक मैनेजर अचंभित रह गया और कहा कि अगर तुम पढ़े-लिखे होते तो तुम बहुत कुछ हासिल कर लेते|
इस बात परअल्बर्ट ने मुस्कुराते हुए कहा कि अगर वह पढ़ा-लिखा होता तो चर्च में Verger होता|
My name is Santosh Kumar Sah. I am a CA-Finalist as well as a faculty at Dynamic Tutorials and Services. I reside in Tinsukia (ASSAM). I have more than 5 years of experience in teaching. I have written “Alternative English Guide Book for Class 12 -AHSEC” And ” English Guide Book For Class 12-AHSEC”.I love writing that is why i created this blog to help students by providing notes.