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![THE TIGER KING SUMMARY IN HINDI THE TIGER KING SUMMARY IN HINDI](https://notesonphone.in/wp-content/uploads/2020/10/THE-TIGER-KING-SUMMARY1-1024x576.png)
बाघ राजा (The tiger King Summary In Hindi)
यह कहानी है प्रतिबंदपुरम के महाराजा के बारे में जिसका पूरा नाम जिलानी जंग जंग बहादुर था | उसे टाइगर किंग के नाम से भी जाना जाता था | इस कहानी में हम लोग जानेंगे कि उसे टाइगर किंग के नाम से क्यों जाना जाता था| यानी कि उसका नाम टाइगर किंग कैसे पड़ा जब उसका जन्म हुआ तो ज्योति सोने उस समय भविष्यवाणी की थी कि एक दिन टाइगर किंग को वास्तव में मरना पड़ेगा |10 दिन की आयु के राजकुमार ने भविष्यवक्ता ओं को वह बुद्धिमान भविष्य दृष्टाओ कह कर संबोधित किया | उसने उन्हें मृत्यु का ढंग बताने को कहा |मुख्य ज्योतिषी ने कहा कि मृत्यु टाइगर द्वारा आएगी | राजकुमार गुरया बाघों को सावधान कर दो |
जब युवराज 20 वर्ष की आयु का हुआ तो उसे राज्य की जिम्मेदारी सौंप दी गई | प्रतिबंदपुरम राज्य में कई जंगल थे | उसमें टाइगर्स भी थे| महाराजा ने टाइगर का शिकार करना आरंभ किया | जब उसने पहला टाइगर मारा तो राजा रोमांचित हो उठा |उसने राजकीय ज्योतिषी को बुलाया | ज्योतिषी ने कहा महाराजा चाहे आप इस ढंग से 99 टाइगर्स मार दे किंतु आपको 100th Tiger से अत्यंत सावधान रहना चाहिए | यदि वह सावे ( 100 th) बाघ को मार पाया तो ज्योतिषी ने प्रण किया कि वह ज्योतिष की अपनी सभी पुस्तक को फार डालेगा तथा उसमें आग लगा देगा | राज्य में महाराजा के अतिरिक्त किसी अन्य द्वारा टाइगर का शिकार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया | महाराजा ने शपथ ली कि वह अन्य सभी मामलों की और केवल शो (100) टाइगर्स मरने के उपरांत ही ध्यान देगा | टाइगर्स को मारने में राजा को कई खतरों का सामना करना पड़ा| कई बार गोली अपना निशाना चूक जाती थी ,टाइगर उस पर उछल पड़ता | वह अपने नंगे हाथों से tiger से लड़ता प्रत्येक बार महाराजा ही विजई होता |
एक बार उस पर अपनी राजगद्दी गवा देने का खतरा था | एक उच्च पद पर आसीन ब्रिटिश अधिकारी ने प्रतिबंदपुरम का भ्रमण किया | वह बाघ के शिकार में बहुत रुचि रखता था तथा उससे भी अधिक शौकीन था अपने द्वारा मारे गए बाघों के साथ फोटो खिंचवाने में | वह प्रतिबंदपुरम में टाइगर का शिकार करना चाहता था | महाराजा भी अपने संकल्प में दृढ़ रहा | उसने अनुमति प्रदान करने से मना कर दिया | क्योंकि उसने एक ब्रिटिश अधिकारी को अपनी इच्छा पूरी करने से रोका था | महाराजा पर अपना राज्य गवा देने का खतरा मंडराने लगा इस समस्या पर महाराजा तथा दीवान ने विचार विमर्श किया | विभिन्न डिजाइनों की लगभग 50 कीमती हीरो की अंगूठियां ब्रिटिश अधिकारी की पत्नी के पास भेजी गई | राजा तथा मंत्री आशा करते थे कि वह एक अथवा दो को चुन लेगी तथा बाकी अंगूठियां वापस लौटा देगी परंतु उसने सभी रख ली तथा धन्यवाद का पत्र भेजा | महाराजा प्रसन्न हुआ कि यद्यपि उसने 300000 गवा दिए थे यद्यपि अपना राज्य तो बचा पाने में सक्षम रहा |
महाराजा टाइगर हंटिंग में सफल होते रहें 10 वर्ष के भीतर ही उसने 70 टाइगर मार डाले थे | किंतु फिर प्रतिबंदपुरम में कोई टाइगर बचा नहीं | एक दिन महाराजा ने अपने दीवान को बुलाया तथा उसे बताया कि उसकी बंदूक द्वारा अभी 30 टाइगर का शिकार होना बाकी है | उसने दीवान को बताया कि उसने विवाह करने का निर्णय लिया है | मंत्री ने ऐसे राज्य की सही कन्या का चुनाव किया जिसमें tiger बहुत बड़ी संख्या में थे प्रत्येक बार जब महाराजा जंग जंग बहादुर अपने ससुर से मिलने जाता वह 5 या 6 टाइगर को मार डालता था |इस प्रकार प्रतिबंदपुरम के राजमहल के स्वागत कक्ष की दीवारें 99 टाइगर की खालो से सुसज्जित हो गई थी |एक सौ की संख्या पर पहुंचने के लिए केवल एक टाइगर को मारना शेष था | किंतु अब उसके ससुर के राज्य में भी टाइगर खत्म हो चुके थे | टाइगर को कहीं भी ढूंढना असंभव था | महाराजा उदासी में डूब गया | शीघ्र ही उसे एक सुखद समाचार मिला |उसके अपने राज्य में पहाड़ी के पास वाले गांव में भेड़े प्रायः गायब होने लगी |महाराजा ने सोचा कि यह जरूर किसी टाइगर का ही काम होगा परंतु बाद में पता चला की दो चोर थे जो भेड़ों की चोरी कर रहे थे | महाराजा का क्रोध और जिद्दीपन ऊपर चढ़ता गया | कई अधिकारी अपनी नौकरी गंवा बैठे |
एक दिन टाइगर किंग अत्यंत क्रोधित था | उसने दीवान को बुलाया तथा तुरंत लगान दोगुना करने का आदेश दिया | दीवाने कहा कि लोग असंतुष्ट हो जाएंगे| फिर उनका प्रदेश भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का शिकार बन जाएगा | राजा ने दीवान को त्यागपत्र देने को कहा |मंत्री बहुत घबरा गया अपनी नौकरी बचाने के लिए दीवान ने वह सब किया जो भी वह टाइगर को प्राप्त करने के लिए कर सकता था |अंत में उसने मद्रास (अब चेन्नई ) के पीपल स्पार्क ( Pupils Park) से एक बूढ़ा टाइगर मंगवा लिया | रात में उसने उसे अपनी कार में रखा और उसे उस स्थान के नजदीक छोड़ दिया जहां महाराजा शिकार के लिए ठहरा हुआ था | सवेरे के समय वह बूढ़ा टाइगर भटकते हुए महाराजा के सामने आ गया | वह वहां पर बहुत नम्रता पूर्वक खड़ा रहा | बहुत प्रसंता से भरकर महाराजा ने ध्यान से निशाना बांधा और गोली चला दी | बाघ ढेर हो कर गिर गया महाराजा ने बाघ को एक शानदार जुलूस के रूप में राजधानी में ले आने की आज्ञा दी | वह महाराजा अपनी कार में बैठकर वहां से चला गया तो शिकारियों ने पाया कि वह tiger अभी भी जिंदा था | महाराजा की गोली अपने निशाने से चुग गई थी कोई भी नहीं चाहता था कि महाराजा को इस बात का पता चले क्योंकि इससे महाराजा बहुत क्रोधित हो सकता था | इसीलिए शिकारियों में से एक ने निशाना बांधा और गोली चला कर बाघ ( tiger) को मार डाला | जैसे कि राजा ने आज्ञा दी थी उसे शहर के बीच में से एक जुलूस की शक्ल में ले जाया गया फिर उसे दफना दिया गया | उस पर एक मकबरा स्थापित कर दिया गया |
कुछ ही दिनों के बाद महाराजा के पुत्र का तीसरा जन्मदिन मनाया गया | अब तक तो महाराजा के पास अपने बेटे के लिए कोई समय नहीं था |उसने अपना सारा ध्यान बाघ के शिकार पर केंद्रित कर रखा था | परंतु अब वह अपने पुत्र को एक विशेष उपहार देना चाहता था |उसने नगर में हर दुकान छान डाली अंत में उसे एक खिलौनों की दुकान में लकड़ी का बना एक tiger मिल गया | राजा ने सोचा कि यह एक सबसे अच्छा उपहार था | उस दिन पिता और पुत्र दोनों ही सारा दिन उस लकड़ी के बाघ के साथ खेलते रहे | उसे एक अनाड़ी बढ़ाई ( Unskilled carpenter) ने बनाया था | इसकी पूरी सतह पर छोटी-छोटी लकड़ी की छुपते थी | इनमें से एक ने महाराजा के दाहिने हाथ को छेद दिया | महाराजा ने इसे अपने बाएं हाथ से खींच कर निकाला तथा राजकुमार के साथ खेलता रहा| अगले दिन राजा के दाहिने हाथ में संक्रमण हो गया| 4 दिन में मवाद निकलने वाले घाव में बदल गया | यह उसके पूरे बाजू में फैल गया | मद्रास से तीन प्रसिद्ध चिकित्सक लाए गए| विचार विमर्श के उपरांत उन्होंने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया | ऑपरेशन सफल रहा किंतु महाराजा मर गया | इस प्रकार हंड्रेड बाघ ने टाइगर किंग से अंततः बदला ले ही लिया |
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I hope aapko The tiger king summary in hindi padh kar achha laga hoga or aapko story achhe se samajh aai hogi.